दिन में कितनी बार भोजन करें
जब तक आपके द्वारा किया हुआ भोजन सही ढंग से पचता नहीं, तब तक आप दोबारा भोजन ना करें। जब आपको अच्छी तरह से भूख लग जाए, तब भोजन करें। अगर आप इस नियम को अपने जीवन में लागू कर लेते हैं तो आपको बेवजह होने वाली बहुत सारी बिमारियों से छुटकारा मिल जाएगा। जिससे की आप एक सुखद जीवन व्यतीत कर पाएंगे।
आपका शरीर आपको हमेशा बताता है की आपके लिए क्या सही है और क्या गलत है। बस आप अपने शरीर की जरूरतों को समझें, आपको आपके सभी सवालों का जवाब मिल जाएगा।
सीधी सी बात है की अगर आप ज्यादा शारीरिक श्रम या व्यायाम आदि करते हैं तो आपको ज्यादा भूख लगेगी और यदि आप शारीरिक एवं मानसिक मेहनत कम करते हैं तो आपको भूख कम लगेगी।
तो आप इसी आधार पर भोजन करें, चाहे अब आपको भूख दिन में 2 बार लगे या चार बार। आप अपने शरीर को समझ कर हमेशा शुद्ध, सात्विक एवं नपा तुला भोजन करें।
मैंने कई बार देखा है की आजकल की माताएं अपने बच्चों को भरपेट भोजन नहीं देती, वो कहती हैं की बस तीन रोटी खा ज्यादा मत खा, मोटा हो जाएगा, ये मत खा, वो मत खा, अब पता नहीं माताएं ज्यादा समझदार हो गई हैं या ज्यादा मुर्ख।
और फिर वो ये भी चाहती हैं की उनके बच्चे हृष्ट - पुष्ट दिखें। अगर आप बच्चों को भरपेट खिलाएंगी ही नही, तो वो कैसे पहलवान बनेगें, साथ ही उनके शारीरिक विकास में रूकावट आएंगी वो अलग।
दरअसल गलती इनकी भी नहीं है, जब से सोशल मीडिया का दौर आया है तो लोग वहां आधी - अधूरी जानकारी पढ़कर या सुनकर, अपने आपसे से अंदाजे लगाते रहते हैं की ये ठीक है, ये नहीं।
आज हमारे देश में बहुत सारे लोग पाश्चात्य सभ्यता की होड करते है की जैसा वो खाएंगे वैसा ही हम खाएंगे। तो मैं आपको बता दूँ की आपका ऐसा सोचना बहुत ही गलत और व्यर्थ है, क्योंकि न तो उनके देश का वातावरण हमारे देश जैसा, ना ही उनके देश की प्रकृति हमारे देश जैसी, और ना ही हमारा खान - पान एक जैसा।
यानी की हमें हमारे देश के वातावरण एवं प्रकृति के हिसाब से ही खाना चाहिए, देश के हिसाब से पहनावा रखना चाहिए और जो चीजें हमारे देश में पैदा हों उन्हें ही खाना चाहिए।
अब बहुत सारे लोग सोचते हैं की पाश्चात्य लोग दिन में 5 बार भोजन करेंगे तो हम भी 5 बार ही करेंगे, लेकिन ऐसा करना बिलकुल ही गलत होगा क्योंकि उनका खाना, उनके शरीर का ढांचा और मांसपेशियां भी हमारे देश के लोगों से कुछ भिन्न हैं।
तो आप उनकी देखा - देखी ना करें, आप अपने स्वस्थ को ध्यान में रखते हुए भोजन करें।
फिर आजकल एक और मामला चल रहा है की बहुत सारी महिलाएं एवं पुरुष जिनका की वजन बढ़ जाता है वो खाना छोड़ देते हैं या फिर शाम को भोजन ही नहीं करते। फिर वो व्यायाम नहीं करते और चाहते हैं की हमारा वजन कम हो जाए, वो बस वजन कम करने के लिये आसान से उपाय करना पसंद करते हैं।
तो मेरे हिसाब से ऐसा करने वाले और सोचने वाले लोग आलसी हैं और अपनी सेहत का नुकशान कर रहे हैं। क्योंकि अगर आप खाना छोड़ देंगे या कम कर देंगे तो आपके शरीर में कमजोरी आएगी, क्योंकि आपके शरीर को जिन पोषक तत्वों की जरुरत होती है, वो तो आप ले ही नहीं रहे।
सबसे जरुरी बात ये है की आप व्यायाम कीजिए, जिससे की आपका रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और आपकी पाचन क्रिया भी ठीक रहेगी। फिर आपको जितनी भूख हो उतना ही आप खाएं, उससे ज्यादा ना खाएं।
तो अब मैंने आपको बिलकुल आसान भाषा में समझाने की कोशिश की है की हमेशा अपने शरीर की जरूरतों को समझने की कोशिश करें और जब आपको भूख लगे तब, आप खाना खाएं। लेकिन शर्त ये भी है की हमेशा शुद्ध एवं स्वास्थ्यवर्धक भोजन ही करें। साथ ही ये भी ध्यान रखें की आप विरुद्ध भोजन ना करें और जब भोजन पच जाए तभी दोबारा भोजन करें।
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