क्या सभी बॉडीबिल्डर्स वास्तव में स्वस्थ होते हैं
सीधी से बात है, जो मनुष्य स्वस्थ खायेगा, और स्वस्थ जीवनशैली जीएगा, वो स्वस्थ रहेगा। बॉडीबिल्डिंग एक प्रतियोगिता है जिसमें की मनुष्य को ज्यादा से ज्यादा आकर्षक दिखना होता है।
इस खेल में जिस इंसान का शरीर सबसे बेहतरीन आकर का होगा, वो प्रतियोगिता जीत जाएगा। अब प्रतियोगिता जीतने के लिए एवं शरीर को एकदम उत्तम दिखाने के लिए इन्हें बहुत सारी चीजों का त्याग करना होता है, जैसे मीठा, नमक, पानी, कार्बोहाइड्रेट्स, आदि बहुत सी जरुरी चीजें छोड़नी पड़ती हैं।
जब बॉडीबिल्डर प्रतियोगिता के लिए स्टेज पर चढ़ता है, तो उस समय वह सबसे कमजोर अवस्था में होता है, और कई बार आपने देखा भी होगा, की प्रतियोगी को स्टेज पर चक्कर आना एवं बेहोश हो जाना, आदि परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
लेकिन प्रतियोगिता के समाप्त होते ही वो पुनः स्वास्थ्यवर्धक चीजों का सेवन करते हैं और स्वस्थ जीवन जीते हैं।
लेकिन दिक्क्त तब होती है, जब जिन लड़कों एवं लड़कियों को कोई प्रतियोगिता ही नहीं खेलनी होती, वो भी बॉडीबिल्डर्स जैसी जीवनशैली जीने लगते हैं, ऐसा करके वो अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हैं।
अब सबसे मुख्य बात कर लेते हैं, स्टेरॉइड्स की। तो जैसा की ऊपर बताया बॉडीबिल्डर्स को प्रतियोगिता जीतने के लिए बॉडी को सबसे आकर्षक ढंग से प्रदर्शित करना होता है, तो बहुत सारे खिलाड़ी शरीर को सुन्दर एवं आकर्षक दिखाने के लिए स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल करते हैं, जो की सबसे घातक होता है। कई बार स्टेरॉइड्स इनकी जान के दुश्मन भी बन जाते हैं।
माना की बॉडीबिल्डर्स, शरीर को आकर्षक बनाने के लिए कड़ी मेहनत एवं एकदम अनुशासनात्मक जीवन जीते हैं। लेकिन वो गलती बस यही करते हैं की स्टेरॉइड्स एवं कुछेक ड्रग्स आदि का इस्तेमाल करते हैं, जोकि उनके स्वास्थ्य के लिए बिलकुल भी सही नहीं होता।
इसमें केवल इनकी ही गलती नहीं है, क्योंकि दर्शक हमेशा अच्छा देखना चाहते हैं चाहे अंदर से उस आदमी की बैंड बजी पड़ी हो। तो मैं तो इसमें दर्शकों की भी गलती मनता हूँ।
हालाँकि ये खिलाड़ी अपने ट्रेनर की मदद से सेफ जॉन में रहते हुए इनका सेवन करते हैं। लेकिन फिर भी गलत तो गलत है। आपने ये बात तो सुनी ही होगी, की जहर तो जहर ही है, इसे कम मात्रा में लें या ज्यादा मात्रा में, ये हमेशा नुकशान ही करेगा।
अब बहुत सारे युवक इनकी देखा - देखी करते हैं, और अपनी सेहत एवं जीवन को जोखिम में डाल देते हैं। कई युवकों का लक्ष्य होता है स्वस्थ रहना, जिसकी वजह से वो जिम जाते हैं, लेकिन फिर वो बेचारे, सोशल मीडिया पर इन एनहान्स खिलाडियों को देखते हैं, और इनके जैसा बनने का प्रयत्न करते हैं।
कुछ समय से आप खबरों में देखते भी आ रहे होंगे, की आज कोई विख्यात बॉडीबिल्डर मर गया, आज कोई मर गया। या फिर जिम में हुई इस सितारे की मौत आदि।
जिम जाने वालों की एक कमी ये होती है, की वो कार्डियोवैस्कुलर एक्टिविटी बहुत कम करते हैं, जिसके कारण उनको हृदय से सम्बंधित परेशानियों का सामना करना पड़ता है। तो मैं सभी से ये आग्रह करना चाहूंगा, की आप ऐसे व्यायाम अवश्य करें, जिससे की आपको सांस चढ़ें, जैसे दौड़ना, तैरना, रस्सी कूदना, आदि।
और फिर समाज का एक वर्ग, सभी जिम जाने वाले लोगों को एक समान मानने लगता है, और कहते हैं की जिम जाने से कोई फायदा नहीं, ये, वो, आदि भिन्न - भिन्न प्रकार की बाते बनाने लगते हैं, जो की ठीक नहीं है।
देखिए जिम जाना कोई बुरी बात बात नहीं है, अपितु ये तो आपको स्वस्थ रखने का एक बेहतर विकल्प है। अगर आप जिम नहीं जाना चाहते तो आपके पास और भी विकल्प हैं, जैसे, योग, आसन, प्राणायाम एवं परम्परिक दंड बैठक, आदि कर सकते हैं।
मुझे लगता है, अब आप इस विषय को समझ गए होंगे। और मैं आशा करता हूँ, की आप हमेशा स्वस्थ खाएंगे एवं सेहतमंद रहेंगे।
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