ओवरथिंकिंग क्या है?, और इससे छुटकारा पाने के उपाय

ओवरथिंकिंग आपकी जिंदगी बुरी तरह से बर्बाद कर सकती है, ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ था, इस हिसाब से मैं समझ सकता हूं कि यह आपके जीवन को कितना बदतर बना सकती है। 

अब आगे इस लेख में हम चर्चा करेंगे की ओवरथिंकिग क्या है?, यह आपके जीवन को किस प्रकार प्रभावित करती है, और फिर जानेंगे इससे छुटकारा पाने के उपाय।

ओवरथिंकिंग किसे कहते हैं

इसे हम आसान भाषा में समझते हैं, ओवरथिंकिंग का मतलब है, किसी भी विषय पर अत्यधिक सोचना या बेमतलब ही सोचते रहना।

इंसान लेटे हुए सोच रहा है

जब आप किसी बात के बारे में अत्यधिक सोचने लगते हैं, या आपको किसी बात के होने का डर है, और आप उस बात को सोच - सोच कर अपने मन में इतना बड़ा बना लेते हैं कि उस बात के सिवाय आपको और कुछ नहीं दिखता, आप दुनिया से एकदम कट जाते हैं।

इसे आप इस प्रकार भी समझ सकते हैं कि आप किसी कार्य को करने जा रहे हैं, लेकिन आप उस कार्य को करने से पहले उसके बारे में इतना सोच लेते हैं कि आपको वह काम पहाड़ तोड़ने जैसा लगने लगता है, अर्थात् वह काम आपको बहुत बड़ा लगने लगता है।

ठीक इसी प्रकार एक और उदाहरण लें: किसी चीज की अत्यधिक कल्पना करते रहना भी ओवरथिंकिंग का हिस्सा है, यदि आप पड़े - पड़े किसी चीज को पाने की कल्पना मात्र करते हैं, और हकीकत में आप वह कार्य नहीं करते हैं, तो यह ओवरथिंकिंग ही है।

एक और उदाहरण : किसी से अपनी बात कहने से पहले ही ये अनुमान लगाते रहना कि अगर मैं इसे यह बात कहूंगा, तो वह क्या सोचेगा, उसका क्या रिएक्शन होगा, कहीं उसको गलत तो नहीं लगेगा, आदि। फिर आप इसी डर से उससे वह बात कहते भी नहीं।

आपको एक और उदाहरण देता हूं : मान लीजिए आप बाजार में जूते खरीदने के लिए जाते हैं, और आपको दो प्रकार के जूते पसंद आते हैं, लेकिन आपको उन दोनों में से किसी एक का चयन करना है, लेकिन आप कर नहीं पाते हैं, क्योंकि आप उस विषय इतना सोचने लगते हैं कि आपके दिमाग के तार से उलझ जाते हैं, तो ये भी ओवरथिंकिंग ही है।

अब इन उदाहरणों से आप अंदाजा लगा सकते हैं की आप ओवरथिंकर हैं या नहीं।

ओवरथिंकिंग से आपके जीवन पर क्या दुष्प्रभाव पड़ते हैं

ओवरथिंकिंग से आपका जीवन निम्न प्रकार से बदल जाता है :
  • आप समाज से कटा हुआ महसूस करते हैं।
  • कोई स्पष्ट फैसला नहीं कर पाते हैं।
  • आपमें चिड़चिड़ापन भी हो सकता है।
  • जीवन में अपने आप पिछड़ा हुआ महसूस करते हैं।
  • आप आलसी हो जाते हैं।
  • आपको जीवन की असलियत रास नहीं आती है।
  • आप भ्रम में जीने लगते हैं।
  • आपको छोटे से छोटा काम भी कठिन लगने लगता है।
  • आप शायद अपने मन ही मन में किसी को अपना दुश्मन भी बना लेते हैं।
  • आपकी संपूर्ण दिनचर्या बिगड़ जाती है।
  • आप जीवन की असलियत से दूर भागने की कोशिश करते हैं।
ओवरथिंकिंग आपके जीवन को मुश्किल ही बनाती है, तो चलिए अब जानते हैं की इससे छुटकारा पाने के लिए आप क्या - क्या कर सकते हैं।

ओवरथिंकिंग से छुटकारा पाने के उपाय

ओवरथिंकिंग से छुटकारा पाने के लिए आपको निम्न कार्य और उपाय करने चाहिए :
  • आपको प्रतिदिन प्राणायाम करने चाहिए। प्राणायाम जैसे : अनुलोम विलोम, भस्त्रिका, भ्रामरी, कपालभाति।
  • आपको प्रतिदिन ॐ का उच्चारण करना चाहिए।
  • आप वह कार्य अवश्य करें, जिससे आपकी जीवन में प्रगति हो।
  • अकेले ना रहें, कुछ समय अपने परिवार और दोस्तों के साथ गुजारें।
  • फोन का प्रयोग कम करें, खासतौर से छोटी वीडियो या रील्स कम देखें।
  • अपने आप के बारे में अच्छी बाते सोचें।
  • भगवान में ध्यान लगाएं।
  • जिस भी क्षण आपको लगे कि आप अब ज्यादा सोच रहें हैं तो उसी क्षण उस बात को सोचना बंद करके भगवान का नाम लें।
  • आप स्वयं के लिए छोटे - छोटे पड़ाव बनाएं और उन पर काम करें। इसे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
  • अपने आप को किसी न किसी कार्य में व्यस्त रखें। 
  • दिमाग को ज्यादा सोचने का मोका ना दें।
  • प्रतिदिन ध्यान अवश्य लगाएं।
  • सात्विक भोजन करें।
अगर आप ये उपाय करते हैं तो निश्चित रूप से ओवरथिंकिंग से छुटकारा पा लेंगे। 

नीचे कॉमेंट में ओवरथिंकिंग से संबंधित अपने अनुभव अवश्य साझा करें। 



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