स्वस्थ, सफल और संतुलित जीवन के लिए आदर्श दिनचर्या और जीवन शैली
मनुष्य की जीवन शैली और उनकी दिनचर्या बिलकुल अस्त व्यस्त हो चुकी है, लेकिन वो चाहते ये हैं कि वो स्वस्थ जीवन यापन करें। तो स्वस्थ जीवन जीने के लिए आपको आपकी दिनचर्या और जीवन शैली में सुधार करना होगा।
कई बार देखने में आता है कि बहुत सारे लोग उठते ही चाय पीते हैं, और इनमें से कुछेक ऐसे भी हैं जो उठने के बाद मुंह भी नहीं धोते, उन्हें उठते ही बेड पर चाय चाहिए। और कई बड़े उत्साह से कहते हैं कि हम तो "बेड टी" पीते हैं। तो ये मामला कतई ठीक नहीं है।
फिर कई लोग ऐसे भी होते हैं जो व्यायाम जरा भी नहीं करते, लेकिन सपने 6 पैक एब्स के देखते हैं।
कई बार लोग सारा दिन खाते रहते हैं और चाहते हैं कि हमें कोई बीमारी ना हो।
अब बहुत सारे लोग कहेंगे कि हमें तो दिन में समय ही नहीं मिलता, हमारे शरीर का ध्यान रखने के लिए, तो मैं उन लोगों से कहना चाहता हूँ कि दोस्तों इस पृथ्वी पर सभी मनुष्यों के पास 24 घंटे ही होते हैं। आप अपने आप को ही ये बहाने देते हैं। और इनसे आपका ही नुकसान होता है।
चलो, आप लोगों को एक कटु सत्य बताता हूँ, कि "अंत में आपका शरीर ही आपके काम आएगा"। यही है, जो सदैव आपके साथ रहेगा।
तो चलिए अब जानते हैं कि आपको अपनी दिनचर्या और जीवन शैली में क्या-क्या सुधार करने चाहिए।
आदर्श दिनचर्या और जीवन शैली
सुबह जल्दी उठें
मैं ये सभी मनुष्यों से आग्रह करना चाहता हूँ कि आप प्रतिदिन जल्दी उठें, सर्दियों में 5-6 बजे उठें और गर्मियों में आप लगभग 4 बजे उठ जाएँ।
जल्दी उठना आपके समग्र विकास के लिए लाभदायक है, चाहे आप बेहतर स्वास्थ्य पाना चाहते हैं, या धन-दौलत या कुछ और।
जो विचार आपको सुबह आ सकते हैं, वो सारा दिन नहीं आ सकते। इसका मुख्य कारण यह है कि आपको कोई सुबह-सुबह परेशान करने वाला नहीं होता। नहीं तो बाद में कई प्रकार के लोग दिनभर में आपसे टकराते रहते हैं।
अगर आपको दूसरों से अलग बनना है तो कुछ तो अलग करना होगा। और वो कहते हैं ना कि "कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है"।
यह आपकी स्वस्थ जीवनशैली या कह लें, कि स्वस्थ दिनचर्या का पहला कदम होगा।
सुबह-सुबह पानी पीएं
सुबह उठते ही चाय की जगह आप पानी का सेवन करें और फिर देखना आपकी सेहत कहाँ से कहाँ जाती है। तो कृपया दिन की शुरुआत सही ढंग से करें। आप अपने हिसाब से पानी का सेवन करें। जितना आपका शरीर पानी की मांग करे उतना ही दें, शरीर के साथ जबरदस्ती ना करें।
सर्दियों में हल्का गुनगुना पानी पीएं, अगर किसी को गर्मियों गर्म पानी नहीं जमता तो वह साधारण मटके का पानी पी सकते हैं। और हाँ, मौसम के अनुसार भी आप अपने पानी की मात्रा को कम या ज्यादा कर सकते हैं।
अगर आप कभी-कभार पानी नहीं भी पीते हैं तो कोई बिजली नहीं गिर जाएगी। लेकिन इसके बदले कुछ और उल्टा-सीधा ना खाएं-पीएं। इससे बेहतर है, आप खाली पेट रहें।
सौच आदि से निवृत हों
जिनका पाचन तंत्र बेहतर होता है वो आराम से मल त्याग कर पाते हैं, लेकिन बहुत सारे लोगों को कब्ज रहती है।
और इस वजह से उनका सारा दिन बिगड़ सा जाता है, उनका किसी भी काम में मन नहीं लगता और स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। तो ऐसे लोग त्रिफला चूर्ण का प्रयोग कर सकते हैं।
प्रतिदिन सुबह प्रकृति में घूमने जाएँ, व्यायाम करें, ध्यान करें, प्राणायाम करें
अगर आप लम्बी और स्वस्थ आयु चाहते हैं तो प्रतिदिन व्यायाम, योग, प्राणायाम करना आपके लिए लाभप्रद साबित होगा। आपको प्रकृति की शरण में अवश्य ही रहना चाहिए। प्रकृति आपको उभारती है।
बहुत सारे लोग आलस में रहते हैं, और सुबह बहुत देर तक सोते रहते हैं, जिसकी वजह से उनके शरीर में ढेरों बीमारियां पनपने लगती हैं।
आपको ही आपके शरीर का ध्यान रखना पड़ेगा, कोई और आपके लिए ये कार्य नहीं कर पाएगा।
और केवल शारीरिक ही नहीं, अपितु मानसिक रूप से भी आपको स्वस्थ होना पड़ेगा। तो मानसिक स्वास्थ्य बढ़ाने के लिए आपको नित्यप्रति प्राणायाम और ध्यान करने की आवश्यकता है।
मैं यहाँ आपको कुछेक व्यायाम, योगासन और प्राणायाम आदि बता रहा हूँ जोकि इस प्रकार हैं :
व्यायाम - दंड - बैठक, दौड़ना, रस्सी कूदना, आदि।
योगासन - सूर्यनमस्कार, सर्वांगासन, नौकासन, भुजंगासन, सेतुबंधासन, आदि।
प्राणायाम - भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम - विलोंम, भ्रामरी, आदि।
इन सबको अपनी दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बना लें। इनके प्रतिदिन अभ्यास करने से आपको कभी कोई बीमारी नहीं होगी और आप एक सुन्दर, तेजस्वी, निरोगी, और आकर्षक शरीर के धनी होंगे ।
प्रतिदिन दातून अवश्य करें
आप आपने दांतो और मुँह की सफाई के लिए प्रतिदिन दातून करें, और ये कार्य आप जब प्रकृति में सुबह-सुबह घूमने जाते हैं, तब बड़ी आसानी से कर सकते हैं।
बहुत सारे लोग दातून करने में आलस करते हैं जोकि सही नहीं है, दांतों का ख्याल रखना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि अगर आप इनका ध्यान नहीं रखेंगे तो आपको इनसे "हाथ धोना पड़ेगा" अर्थात आपके मुँह में दांत बचेंगे ही नहीं।
ऐसा होने पर आपको भोजन करने में परेशानी होगी। तो फैसला आपके हाथ में है।
जब आप भोर में घूमने जाएं तो वहीं पर आपको ऐसे बहुत सारे वृक्ष मिल जाएंगे जिनकी कोमल टहनियों से आप दातून कर सकते हैं।
अब आपको यहाँ बता रहे हैं कि आप कौन-कौन से वृक्षों की दातून कर सकते हैं:
- अपामार्ग
- नीम
- करंज
- अर्जुन
- बबूल
- खैर
- बरगद
स्नान करें
अब बारी आती है, स्नान करने की। तो व्यायाम, दातून आदि करने के पश्चात् और खाना खाने के पहले स्नान अवश्य करें।
स्नान करना बहुत जरुरी है, ये बस कहने मात्र की बात नहीं है। नहाने से न केवल आपका देह साफ होता है, अपितु यह आपके मन पर भी सकारात्मक असर डालता है।
नहाने के पश्चात आपकी सारी थकावट दूर हो जाती है, और स्वयं को चुस्त महसूस करते हैं। साथ ही इससे आपका मन भी शांत होता है, और बेकार के विचारों से भी छुटकारा मिलता है।
भगवान् की उपासना करें
स्नान करने के पश्चात आप पूजा - पाठ करें। इससे आपका मन और मष्तिस्क शांत और स्थिर रहेगा। भक्ति आपके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करती है।
साथ ही दिनभर में जो भी बुरे विचार आते हैं, उनसे आपको दूर रहने में मदद मिलती है।
और वैसे भी जो इस सृस्टि के रचयिता और कर्ता - धर्ता हैं उनकी उपासना तो हमें करनी ही चाहिए।
पूजा - पाठ को अपनी जीवन शैली का हिस्सा बनाइए और फिर देखिए कैसे आपकी जिंदगी बदलती है।
सात्विक और संतुलित आहार लें
भोजन एक ऐसी चीज है जो आपके शरीर का हिस्सा बनती है, तो जैसा आप खाएंगे, वैसा ही आप बन जाएंगे।
तो मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि भोजन का चयन सोच समझकर करें।
आप अपने भोजन में फल एवं सब्जियों को अवश्य जोड़ें, क्योंकि ये बाकी भोजन के मुकाबले आपके शरीर के लिए ज्यादा लाभदायक साबित होते हैं।
आप ऐसे भोजन का चयन करें जिसमें पानी की मात्रा ज्यादा हो, क्योंकि आपके शरीर का भी ज़्यदातर हिस्सा पानी ही है।
मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि आप शाकाहारी भोजन का प्रयोग करें।
जो व्यक्ति शाकाहारी भोजन करता है, उसकी आयु मांसाहारी भोजन करने वाले से ज्यादा होती है।
आप ऐसा भोजन करें जिसमें आपके शरीर के लिए प्रयाप्त मात्रा में पोषक तत्व हों।
शुद्ध और सात्विक आहर में आप इन्हें लें सकते हैं : अंकुरित या पानी में भिगोए हुई दालें एवं अनाज, गाय का दूध एवं घी, रंग - बिरंगे फल और सब्जियाँ, सूखे मेवे और बीज, चावल और भिन्न-भिन्न प्रकार के अनाज से बनीं रोटियाँ।
इस प्रकार से अगर आप आहर लेते हैं तो आपको किसी प्रकार के पोषक तत्वों की कमी नहीं होगी।
ध्यान रखना आहार संतुलित मात्रा में ही लें। ज्यादा मात्रा में लेने से भी आपको कुछेक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। और हाँ, भोजन को चबाचबाकर खाएं।
समय का सदुपयोग करें
जीवन में जो भी लक्ष्य आपने निर्धारित किया हुआ है, उसे पाने की तरफ कदम बढ़ाएं। इधर - उधर की बातों में समय व्यर्थ न करें। अगर आप जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं तो आपको संघर्ष करना ही होगा।
सोशल मिडिया से दूर रहें, क्योंकि यह आपको लक्ष्य से भटकाता है।
हर समय आप स्वयं को बेहतर बनाने की कोशिश करें। समय को व्यर्थ न गवाएं।
पुरषार्थ करते रहें।
अश्लीलता और हस्तमैथुन से दूर रहें
अश्लीलता और हस्तमैथुन से जितना हो सके उतना दूर रहें। कई बार देखने में आता है कि बहुत सारे लोगों को गृहस्थ जीवन में यौन सम्बंधित परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
तो इसका कारण है, अत्यधिक मात्रा में हस्तमैथुन करना और सारा - सारा दिन अश्लील चित्र और विचारों में खोए रहना।
इसी वजह से मैं कहता हूँ, रील्स आदि कम देखें और देखें तो काम की चीजे देखें।
ये बात छोटी लग सकती है लेकिन आपके शरीर पर बहुत गहरा और बुरा प्रभाव डालता है।
जंक फ़ूड से बचें
जैसा की मैंने ऊपर भी बताया था कि जो आप खाते हैं वैसा ही आप बनते जाते हैं। आजकल जगह-जगह पर बहुत सारे लुभावने कैफ़े और रेस्त्रां खुले हुए हैं, जो आपको आकर्षित करते हैं।
जंक फ़ूड के कुछ उदाहरण : बर्गर, चौमिन, पिज्जा, सैंडविच, हॉटडॉग, मेग्गी, चिप्स, कुरकुरे, आदि।
इस प्रकार के भोजन आपके शरीर में अनेकों प्रकार की बिमारियों पैदा कर देते हैं।
आज बहुत सारे लोग मोटापे से परेशान हैं तो मोटापे के सभी मुख्य कारणों में से एक मुख्य कारण जंक फ़ूड भी है।
भोजन की मात्रा पर नियंत्रण करे
जैसा की मैंने ऊपर बताया था कि शुद्ध एवं शाकाहारी भोजन करना चाहिए। लेकिन इसमें भी आपको भोजन की मात्रा को संतुलित करना जरुरी है।
एक समय था, जब हमारे पूर्वज दिनभर मेहनत करते थे, भोजन भी प्रयाप्त मात्रा में नहीं होता था, और कहीं भी जाना होता तो पैदल चलकर जाते थे।
लेकिन आज आपके पास हर समस्या का समाधान है, लेकिन आप आपके पूर्वजों जितनी मेहनत नहीं करते हैं, लेकिन आपके पास उनके मुकाबले ज्यादा भोजन है उसे खाने के लिए ज्यादा समय है। तो सारी गड़बड़ यहीं शुरु होती है।
तो आप दिनभर में दो बार भरपेट भोजन कर सकते हैं, फिर आपको कोई चीज माप-माप कर खाने की जरुरत नहीं पड़ेगी।
समय की बात करें तो, एक बार सुबह 10 बजे खा लें और फिर दोबारा आप सीधा शाम को 6 - 7 बजे खाएं।
लेकिन ध्यान रहे की भोजन चबाचबा कर खाएं। और भोजन में सभी पोषक तत्व संतुलित मात्रा में हों।
अगर आपको अत्यधिक भूख लग जाए तो आप बीच में एक फल खा सकते हैं।
उपवास करें
हमारे प्राचीन ग्रंथों में उपवास करने पर जोर दिया गया है। लेकिन आप अपनी संस्कृति और प्राचीन ग्रंथों में बताई गई बातों को महत्त्व ही नहीं देते।
लेकिन जब मॉडर्न मेडिकल साइंस लाखों करोड़ों रूपये लगाकर उसी निष्कर्ष पर पहुँचती है, जोकि हमारे ग्रंथों में पहले से बताया हुआ है, तो आप उसे सत्य मान लेते हैं। ऐसा क्यों करते हैं ?
अब मॉडर्न मेडिकल साइंस ने बताया है कि आपको रुक - रुक कर उपवास करना चाहिए। तो अब सभी इस बात के पीछे भाग रहें हैं।
लेकिन ये बातें तो कई सौ, हजार सालों पहले ऋषि मुनि ग्रंथों में लिख चुके हैं।
चलो कोई नहीं, तो मुख्य मुद्दा यह है कि आपको बेहतर स्वास्थ्य के लिए उपवास करना चाहिए।
अच्छे विचार रखें और हमेशा सकारात्मक रहें
आपके विचारों का आप पर और आपके आस - पास के लोगों पर और जगह पर बहुत गहरा असर पड़ता है।
तो जरुरी ये है कि आप हमेशा सकारात्मक विचार रखें, चाहे आपके समक्ष कैसी भी परिस्थिति हो।
आप केवल अपनी सोच मात्र से ही बहुत कुछ बदल सकते हैं।
तो ध्यान रखें कि आपको हमेशा अच्छे विचार रखने हैं। आप जो भी सोचते उसका असर होता है।
आप अपनी जीवनशैली में ये बदलाव अवश्य करें।
शाम को संतुलित, लेकिन सुपाच्य भोजन लें
शाम का भोजन ऐसा होना चाहिए, जोकि सभी पोषक तत्वों से भरपूर हो, लेकिन साथ ही पचने में हल्का हो।
शाम को ठंडी तासीर वाले आहार न लें। अगर आपका भोजन नमकीन है तो उसके साथ दूध ना लें।
देर रात को भोजन ना करें। लगभग सूर्यास्त होने से पहले भोजन कर लें। क्योंकि जैसे-जैसे सूर्यास्त होता है वैसे-वैसे आपकी पाचन शक्ति कम होती जाती है।
आप भोजन करने के लगभग 1 घंटे बाद दूध ले सकते हैं। अगर आप लेना चाहें तो।
शाम का खाना खाने के बाद कुछ देर अवश्य टहलें। खाना खाते ही बैठे नहीं और ना ही सोने जाएं। खाने और सोने के समय में कम से कम 3 घंटे का अंतराल अवश्य रखें।
समय पर सोएं
आजकल शहरों में ये बहुत चल रह है कि सोएंगे रात के 12 बजे और उठेंगे अगले दिन 10 बजे। तो भाई ऐसा ना करें, ये आपके स्वास्थ्य पर बहुत ही बुरा प्रभाव डालेगा।
समय पर सोएं क्योंकि आपके शरीर की प्रवृति ही ऐसी है कि रात को आपके शरीर को आराम मिलना चाहिए। नींद लाने वाले हार्मोन भी रात को आपकी बॉडी रिलीज़ करना शुरू कर देती है।
तो कृपया प्रकृति द्वारा जो समय जिस काम के लिए निर्धारित किया हुआ है, उस समय वही कार्य करें।
कई बार देखने में आता है कि बहुत सारे लोग रात में फ़ोन पर लगे रहते हैं, तो कृपया अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ न करें।
निष्कर्ष : स्वयं को बेहतर बनाने के लिए आपको आपकी दिनचर्या एवं जीवन शैली सही करनी होगी, नहीं आप बहुत सारी बिमारियों से घिर जाएंगे और आपके जीवन की अवधि भी कम हो जाएगी। आप मुख्य रूप से समय पर सोएं, समय पर उठें, व्यायाम करें, संतुलित आहार करें और अपने शरीर की मानसिक और दैहिक सफाई पर ध्यान दें।
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