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फिट रहने के लिए घर पर ही करें ये बेहतरीन व्यायाम, योगासन एवम् प्राणायाम

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फिट रहने के लिए व्यायाम करना अत्यंत आवश्यक होता है। लेकिन बहुत सारे लोग ये कहते हैं, की उनके पास जिम जाने का समय नहीं है, और ना ही बाहर मैदान में दौड़ने जा सकते हैं।  तो आप चिंता ना करें, आप घर पर रहकर ही बहुत सारे व्यायाम कर सकते हैं, जिससे की आप स्वस्थ एवम् फिट रह सकते हैं। लेकिन आपको अपनी सेहत के लिए समय तो अवश्य ही निकालना होगा। अब बात करते हैं की वो कौनसे व्यायाम है, जिन्हें आप घर पर करके ही फिट रह सकते हैं। 1. सूर्यनमस्कार केवल सूर्य नमस्कार करने से ही आपका संपूर्ण शरीर फिट हो जाता है। इसका अभ्यास शुरू करने के लगभग एक सप्ताह के पश्चात ही आपके शरीर में काफी बदलाव दिखने शुरू हो जाएंगे।  आप अपने आप को जवान और चुस्त महसूस करेंगे। इसे करने से शरीर के साथ - साथ आपका मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होगा। सूर्य नमस्कार प्रतिदिन करने से निश्चित रूप आपका मोटापा भी कम हो जाएगा। साथ ही आपकी कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ भी सही रहेगी। सूर्य नमस्कार में 12 आसन होते हैं। इन 12 आसनों को एकसाथ करना ही सूर्य नमस्कार है। ये 12 आसन कर्मशः इस प्रकार हैं : प्रणाम आसन, हस्तउत्तानासन, हस्तपाद आसन, अश्व संचा...

कार्डिओ करना क्यों जरुरी है

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अगर आप स्वस्थ जीवन व्यतीत करना चाहते हैं, तो आपको कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज अवश्य ही करनी चाहिए। कार्डिओ करने से आपका हृदय एवं फेफड़े एकदम स्वस्थ रहते हैं।  कार्डिओ करने से हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है। आपने कई बार सुना होगा की जवान लड़को को भी हार्ट अटैक आने लगे हैं, जो की चिंता की बात है। इसा एक मुख्य कारण बदलता हुआ खान - पान भी है।  साथ ही आज के युवा आलसी भी हो गए हैं, कइयों के तो जवानी में भी तोंद निकल आती है। और आपने सुना ही होगा की मोटापा, अपने साथ कई बीमारियां लेके आता है।  तो वजन कम करने के लिए और कैलोरी बर्न करने के लिए कार्डिओ सबसे श्रेष्ठ है। साथ ही आप बहुत सारी बिमारियों से बचे रहेंगे।  लेकिन आजकल लोगों का कार्डिओ करने पर ध्यान ही नहीं है, लोग जिम जाते है, और केवल भारी वजन के साथ अपनी मांसपेशियों को मजबूत बनाने पर ध्यान देते हैं, पर वो कार्डिओ करना बिलकुल भी पसंद नहीं करते। जोकि उनके स्वास्थ्य के लिए कतई सही नहीं है।  हालांकि जिम में दौड़ने के लिए ट्रेडमिल भी मौजूद होती है, लेकिन बहुत कम लोग ही इनका प्रयोग करते हैं।  अब कार्डिओ भी आराम से करना...

क्या सभी बॉडीबिल्डर्स वास्तव में स्वस्थ होते हैं

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सीधी से बात है, जो मनुष्य स्वस्थ खायेगा, और स्वस्थ जीवनशैली जीएगा, वो स्वस्थ रहेगा। बॉडीबिल्डिंग एक प्रतियोगिता है जिसमें की मनुष्य को ज्यादा से ज्यादा आकर्षक दिखना होता है।   इस खेल में जिस इंसान का शरीर सबसे बेहतरीन आकर का होगा, वो प्रतियोगिता जीत जाएगा। अब प्रतियोगिता जीतने के लिए एवं शरीर को एकदम उत्तम दिखाने के लिए इन्हें बहुत सारी चीजों का त्याग करना होता है, जैसे मीठा, नमक, पानी, कार्बोहाइड्रेट्स, आदि बहुत सी जरुरी चीजें छोड़नी पड़ती हैं।  जब बॉडीबिल्डर प्रतियोगिता के लिए स्टेज पर चढ़ता है, तो उस समय वह सबसे कमजोर अवस्था में होता है, और कई बार आपने देखा भी होगा, की प्रतियोगी को स्टेज पर चक्कर आना एवं बेहोश हो जाना, आदि परेशानियों का सामना करना पड़ता है।  लेकिन प्रतियोगिता के समाप्त होते ही वो पुनः स्वास्थ्यवर्धक चीजों का सेवन करते हैं और स्वस्थ जीवन जीते हैं।  लेकिन दिक्क्त तब होती है, जब जिन लड़कों एवं लड़कियों को कोई प्रतियोगिता ही नहीं खेलनी होती, वो भी बॉडीबिल्डर्स जैसी जीवनशैली जीने लगते हैं, ऐसा करके वो अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हैं।  अब सबसे मुख्य बा...

स्वास्थ्य को बरक़रार रखने के लिए केवल प्रोटीन ही काफी नहीं

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बहुत सारे लोग आजकल बस प्रोटीन और प्रोटीन की ही रट लगाए रहते हैं। जब से लोगों को बॉडीबिल्डिंग का शोक चढ़ा है, तब से लोग प्रोटीन के पीछे पागल रहते हैं।  वो पूरा दिन बस इसी ख्याल में रहते हैं की कैसे ना कैसे करके हमारे शरीर में प्रोटीन की पूर्ति हो जाए, अगर देखा जाए तो ये गलत भी नहीं है, लेकिन परेशानी तब आती है, जब लोग केवल प्रोटीन को ही महत्त्व देते हैं, और बाकी के विटामिन्स एवं नुट्रिएंट्स को दरकिनार कर देते हैं।  लोग जिम में जाते हैं, और कुछेक लोकल जिम के ट्रेनर उन्हें केवल प्रोटीन खाने की सलाह देते हैं, वो ये नहीं नहीं बताते की स्वास्थ्य को बरकरार रखने के लिए और विटामिन्स, मिनरल्स, भी जरुरी होते हैं।  अब गलती ट्रेनर्स की भी नहीं होती, क्योंकि युवक ट्रेनर्स के पास जाते ही कहते हैं की हमें तो बस जल्द से जल्द बॉडी बनानी है। युवक स्वयं ही नहीं चाहते की वो स्वस्थ रहें। उन्हें केवल बॉडी बनाने की धुन चढ़ी रहती है।  इन युवकों को ये भी मालूम नहीं होता की किस भोजन से आपको कितना प्रोटीन मिलेगा, वो बस यही सोचते हैं की प्रोटीन की पूर्ति तो केवल प्रोटीन पाउडर खाने से होगी।  और...

गेहूं एवं गेहूं से बनी रोटी या गेहूं से बने अन्य पकवान खाने के फायदे

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भारत देश के लगभग हर घर में गेहूं से बनी चीजें, जैसे रोटी, चूरमा, हलवा, ब्रेड, ओट्स, आदि खाए जाते हैं। और खाएं भी क्यों ना, भारत दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा गेहूं का उत्पादन करता है।  लेकिन फिर भी मैं ये दावे से कह सकता हूँ की बहुत सारे लोगों को गेहूं के फायदों के बारे में पता ही नहीं होगा। जितने भी लड़के या लड़कियां हैं वो गेहूं के बारे में बस यही सर्च करेंगे की उसमें कितना प्रोटीन है या लगे हाथ इसमें मौजूद कुछेक नुट्रिएंट्स भी जान लेंगे, लेकिन वो ये जानने की कोशिश नहीं करेंगे की गेहूं खाने से हमारे शरीर को क्या फायदे होते हैं?, गेहूं हमारे स्वास्थ्य के लिए कितने लाभदायक हैं?  क्योंकि इन्हें तो सिर्फ बॉडी बनानी है, इन्हें सेहत से कोई मतलब नहीं है। ये इसी भ्रम, में जीते हैं की जिसकी बॉडी है, वो स्वस्थ है।  जब लोगों को कोई चीज आसानी से प्राप्त हो जाती है,, तो लोग उसकी कीमत भूल जाते हैं।  मैं आपको बताता हूँ की गेहूं या गेहूं से बानी चीजें खाने के क्या फायदे होते हैं ? अब यहाँ से आगे जब भी मैं गेहूं शब्द का प्रयोग करूँ तो आप समझ लेना की मैं गेहूं और इससे बनी चीजों की भी बात ...

कफ दोष के असंतुलित होने के कारण, लक्षण और उपाय

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आयुर्वेद में कफ दोष के कुछ गुण बतलाये है, जो की हैं स्निग्ध, चिकना, दृढ़ता, चिपचिपा, ठंडा, स्थिलता, कोमल, भारी आदि। इन गुणों को देखकर आप अपनी प्रकृति को पहचान सकते हैं। और जिस किसी भी व्यक्ति में इन गुणों की बहुलता मिले, तो समझ लेना की उसकी कफ प्रकृति है। इन गुणों में से कुछेक गुण आपको तभी महसूस होंगे जब आपके शरीर में कफ विकृत होगा।  कफ के मुख्य कार्य   जब कफ अपनी सम अवस्था में रहता है तो वह निम्न प्रकार के कार्य करता है।  यह आपके शरीर का विकास करता है।  आपके शरीर के सभी जोड़ो को मजबूती प्रदान करता है।   यह आपके शरीर के सभी अंगों को पोषण प्रदान करता है।  आपके सम्पूर्ण शरीर की वृद्धि करता है।  यह आपको बलिष्ठ बनाता है।  यह आपके शरीर में चिकनाहट बनाये रखता है।  यह इंसान में सहनशीलता प्रदान करता है।  यह आपके शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। शरीर के घावों आदि को भरने का मामला भी इसी के अधीन आता है।  आपके शरीर को हमेशा सुडौल बनाये रखता है, यानी शरीर को आकर्षक रूप प्रदान करता है।  इंसान के जीवन में कफ का समय एवं स्थान...

दिन में कितनी बार भोजन करें

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जब तक आपके द्वारा किया हुआ भोजन सही ढंग से पचता नहीं, तब तक आप दोबारा भोजन ना करें। जब आपको अच्छी तरह से भूख लग जाए, तब भोजन करें। अगर आप इस नियम को अपने जीवन में लागू कर लेते हैं तो आपको बेवजह होने वाली बहुत सारी बिमारियों से छुटकारा मिल जाएगा। जिससे की आप एक सुखद जीवन व्यतीत कर पाएंगे। आपका शरीर आपको हमेशा बताता है की आपके लिए क्या सही है और क्या गलत है। बस आप अपने शरीर की जरूरतों को समझें, आपको आपके सभी सवालों का जवाब मिल जाएगा।  सीधी सी बात है की अगर आप ज्यादा शारीरिक श्रम या व्यायाम आदि करते हैं तो आपको ज्यादा भूख लगेगी और यदि आप शारीरिक एवं मानसिक मेहनत कम करते हैं तो आपको भूख कम लगेगी।  तो आप इसी आधार पर भोजन करें, चाहे अब आपको भूख दिन में 2 बार लगे या चार बार। आप अपने शरीर को समझ कर हमेशा शुद्ध, सात्विक एवं नपा तुला भोजन करें।  मैंने कई बार देखा है की आजकल की माताएं अपने बच्चों को भरपेट भोजन नहीं देती, वो कहती हैं की बस तीन रोटी खा ज्यादा मत खा, मोटा हो जाएगा, ये मत खा, वो मत खा, अब पता नहीं माताएं ज्यादा समझदार हो गई हैं या ज्यादा मुर्ख।  और फिर वो ये भी चाह...

पंचमहाभूतों एवं त्रिदोष में समानताएं

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पंचमहाभूतों से मिलकर इंसान का शरीर बना है और इन्ही पंचमहाभूतों से इस सृष्टि का निर्माण हुआ है। इन पंचमहाभूतों के नाम इस प्रकार हैं: अग्नि, वायु, आकाश, पृथ्वी एवं जल। अगर शरीर में पाँचों महाभूत उनके स्वाभाविक कार्य में संलग्न रहें तो आप निरोगी रहेंगे और यदि इन महाभूतों में कमी या वृद्धि हुई तो आपके शरीर में बीमारियां उत्पन्न होने लगेंगी।  अब बात करें दोषों की तो तीनों दोष आयुर्वेद चिकित्सा का केंद्र हैं। इन दोषों के नाम इस प्रकार हैं : वात, पित्त, कफ। आयुर्वेद में लगभग सारी चिकित्साएं दोषों को मध्य नजर रखकर ही की जाती हैं। अगर इन तीनों दोषों में से कोई एक दोष भी विकृत हो जाए या उसमें वृद्धि या कमी हो जाए तो निश्चित रूप से आप बीमार होंगे।   अब आप सोच रहे होंगे की ये कैसी बात हुई, पंचमहाभूत गडबडाएं तो भी बीमार और यदि दोष गडबडाएं तो भी बीमार, हमें तो इतनी बातें याद भी नहीं रहेंगी, अब करें तो क्या करें ?  तो सबसे पहले तो आप ये जान लें की दोष एवं पंचमहाभूत एक दूसरे से ज्यादा भिन्न नहीं हैं। तो आपको स्वस्थ रहने के लिए इन दोनों में से किसी एक के नियम जान लेना ही काफी रहेगा।...